गुप्त नवरात्रि: देवी शक्ति

नवरात्रि, जिसका अर्थ है “नौ रातें”, देवी दुर्गा और उनके नौ स्वरूपों को समर्पित एक प्रमुख हिन्दू पर्व है। जहाँ शारदीय नवरात्रि (सितंबर–अक्टूबर) और चैत्र नवरात्रि (मार्च–अप्रैल) पूरे भारत में धूमधाम से मनाई जाती हैं, वहीं गुप्त नवरात्रि एक कम जानी-पहचानी लेकिन आध्यात्मिक रूप से अत्यंत शक्तिशाली साधना अवधि होती है।

हर वर्ष दो बार — माघ (जनवरी–फरवरी) और आषाढ़ (जून–जुलाई) के महीनों में — गुप्त नवरात्रि मनाई जाती है। यह विशेष रूप से तांत्रिकों, साधकों और आध्यात्मिक सिद्धियों की इच्छा रखने वालों द्वारा मनाई जाती है।


इसे “गुप्त” नवरात्रि क्यों कहा जाता है?

“गुप्त” का अर्थ है छिपा हुआ या गुप्त। यह नवरात्रि सार्वजनिक रूप से नहीं मनाई जाती और न ही इसकी पूजा विधियाँ आम लोगों के लिए होती हैं। यह आंतरिक साधना, ध्यान, और गुप्त रूपों की उपासना का समय होता है, विशेषकर दस महाविद्याओं की — जैसे काली, तारा, त्रिपुर सुंदरी, भुवनेश्वरी, भैरवी, छिन्नमस्ता, धूमावती, बगलामुखी, मातंगी और कमला।


गुप्त नवरात्रि कब मनाई जाती है?

  1. माघ गुप्त नवरात्रि – जनवरी या फरवरी में
  2. आषाढ़ गुप्त नवरात्रि – जून या जुलाई में

2025 में आषाढ़ गुप्त नवरात्रि की शुरुआत 26 जून से होकर 4 जुलाई तक चलेगी।


गुप्त नवरात्रि का आध्यात्मिक महत्व

  • गहन साधना का समय: यह नवरात्रि विशेष रूप से उन लोगों के लिए महत्वपूर्ण मानी जाती है जो तांत्रिक या योगिक साधनाओं में प्रगति करना चाहते हैं।
  • महाविद्याओं की उपासना: देवी के उग्र एवं रहस्यमयी स्वरूपों की पूजा की जाती है।
  • नकारात्मक ऊर्जा से मुक्ति: तांत्रिक विधियों से शत्रुओं, बाधाओं और नकारात्मक शक्तियों का नाश किया जाता है।
  • सिद्धि की प्राप्ति: तंत्र साधना करने वालों के लिए यह सिद्धि प्राप्त करने का विशेष अवसर होता है।

गुप्त नवरात्रि की पूजा विधि

  • कलश स्थापना: पहले दिन देवी शक्ति को कलश में आमंत्रित किया जाता है।
  • दैनिक व्रत और पूजा: नौ दिन उपवास, मंत्र जाप और प्रतिदिन अलग-अलग देवी की पूजा की जाती है।
  • तांत्रिक मंत्र और साधना: विशेष बीज मंत्रों और रहस्यमयी विधियों से साधना की जाती है।
  • एकांत और गोपनीयता: यह पूजा आम तौर पर एकांत में या गुरु के निर्देशन में की जाती है।

गुप्त नवरात्रि में प्रतिदिन की देवी पूजा

दिनपूजित देवीस्वरूप का अर्थ
1शैलपुत्रीशक्ति और भक्ति
2ब्रह्मचारिणीतपस्या और साधना
3चंद्रघंटासाहस और सुरक्षा
4कूष्मांडाऊर्जा और सृष्टि
5स्कंदमातामातृत्व और पालन
6कात्यायनीयोद्धा स्वरूप
7कालरात्रिदुष्टों का विनाश
8महागौरीपवित्रता और सौम्यता
9सिद्धिदात्रीअलौकिक शक्तियों की दात्री

गुप्त नवरात्रि में क्या करें और क्या न करें

क्या करें:

  • ब्रह्मचर्य, सत्य और शुद्धता का पालन करें।
  • गुरु के मार्गदर्शन में साधना करें।
  • देवी सप्तशती, दुर्गा स्तुति या बीज मंत्रों का जाप करें।

क्या न करें:

  • मांस, शराब, प्याज और लहसुन से परहेज करें।
  • क्रोध, विवाद और अपवित्रता से बचें।
  • अपनी साधना या मंत्र दूसरों को न बताएं।

गुप्त नवरात्रि केवल एक त्योहार नहीं, बल्कि एक गहन साधना और देवी शक्ति से जुड़ने का रहस्यमयी मार्ग है। यह साधकों को आत्मबोध, आंतरिक शक्ति और सिद्धियों की ओर ले जाने का अद्भुत अवसर प्रदान करती है। यह हमें सिखाती है कि सबसे गहरी शक्तियाँ मौन में छिपी होती हैं और सच्चे साधक के लिए देवी स्वयं प्रकट होती हैं।

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